According to Lalchand Rajput, Dhoni’s mantra for his players throughout the tournament was ‘don’t take tension, give tension’. Rajput added that Dhoni asked his players to cut out the external noise and focus on their own strengths. The move, as we all know, worked wonders as India, under the leadership of a young MS Dhoni, went on to defy the odds and script history by winning the inaugural T20 World Cup. Led by a new captain, no one gave India a chance at the start of the tournament but the Men in Blue created history.
अगर मैं आपसे कहूं कि धोनी ने टी20 विश्वकप जीतने के लिए एक फॉर्मूला अपनाया था और इसी के दम पर उन्होंने विश्वकप जीता था. तो क्या आप मानेंगे? टेंशन लेने का नहीं बल्कि देने का. ये फॉर्मूला था और उस समय काम भी कर गया. इस बात का खुलासा भारतीय टीम के पूर्व मैनेजर लालचंद राजपूत ने किया है. लालचंद राजपूत ने बताया कि 2007 टी20 विश्वकप में धोनी का ये मूलमन्त्र था. कि टेंशन लेना नहीं है बल्कि विपक्षियों को टेंशन देना है. गौरतलब है कि धोनी की कप्तानी में साल 2007 में टीम इंडिया ने टी20 विश्वकप जीता था. उस वक्त टीम के मैनेजर थे लालचंद राजपूत. राजपूत ने बताया कि 2007 टी20 वर्ल्ड कप में एम एस धौनी साउथ अफ्रीका में काफी रिलैक्स थे.
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